


मनरेगा Job Card (जॉब कार्ड)
जॉब कार्ड (रोजगार पत्र ):-
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने के लिये ग्राम पंचायत के माध्यम से एक लाभुक पहचान पत्र जारी किया जाता है, जिसे रोजगार पत्र या जॉब कार्ड कहा जाता है | जिसमें संबंधितों का पूर्ण विवरण होता है। यह रोजगार पत्र जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष के लिये वैध होता है एवं प्रत्येक 5 वर्ष की समाप्ति के बाद एक माह के अंदर ग्राम पंचायत द्वारा नवीनीकृत किया जा सकता है। यह मनरेगा जॉब कार्ड किसी भी अकुशल गरीब नागरिक के लिए बहुत जरुरी है, क्योंकि इसकी मदद से वे रोजगार के साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं| जॉब कार्ड में किसी भी प्रकार के परिवर्तन करने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम होती है। कार्ड गुम होने, खराब होने पर निर्धारित शुल्क जमा करके नया कार्ड बनवाया जा सकता है। मनरेगा जॉब कार्ड का उपयोग बैंक अकाउंट खोलने के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में KYC को पूरा करने के लिए भी किया जा सकता है।
MGNREGA जॉब कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें:-
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जॉब कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म रोजगार सेवक/पंचायत सेवक द्वारा नि:शुल्क प्राप्त किये जा सकते हैं | आवेदन फॉर्म के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक ,पास पोर्ट साइज़ फोटो, वोटर आईडी कार्ड/राशन कार्ड की छायाप्रति संलग्न होती है | आपके पंचायत का रोजगार सेवक कौन है, इसकी जानकारी BDO के द्वारा मिल सकती है |MGNREGA जॉब कार्ड आवेदन प्रक्रिया ग्रामीण भारत में कम इंटरनेट उपयोग के कारण मुख्य रूप से पूरी तरह से ऑफ़लाइन रखी गई है। हालाँकि, कई जगहों पर आधिकारिक नरेगा वेबसाइट (www.nrega.nic.in) द्वारा भी जॉब कार्ड बनवाये जा सकते हैं |
मनरेगा जॉब कार्ड हेतु योग्यता:-
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जॉब कार्ड आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए | उम्र 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, एवं बेरोजगार व् अकुशल गरीब आवेदक को स्थानीय ग्राम पंचायत का हिस्सा होना चाहिए |आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर आवेदक को नरेगा जॉब कार्ड प्रदान किया जाता है। अपने जॉब कार्ड की स्थिति मोबाइल या कंप्यूटर द्वारा वेबसाइट www.nrega.nic.in के माध्यम से देखा जा सकता है | जॉब कार्ड मिल जाने पर वे ग्राम पंचायत/रोजगार सेवक से मनरेगा के काम के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
मनरेगा जॉब कार्ड से लाभ:-
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जिन लोगों का नरेगा जॉब कार्ड बना हुआ है, उन्हें 100 दिनों तक गारंटी रोजगार दिया जाता है। अगर 100 दिन पूरे हो गये हैं, तो उसके बाद आप खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वा सकते हों। अगर आपको राशन नहीं मिलता है तो खाद्य सुरक्षा योजना का फार्म आप अटल सेवा केन्द्र या फिर ई-मित्र पर जाकर अप्लाई कर सकते हों। 100 दिन रोजगार पुरे करने पर खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।
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एक जॉब कार्ड में परिवार के 5 सदस्यों तक शामिल किया जा सकता हैं।
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मानलो आपको इस कार्ड से 90 दिनों तक रोजगार/काम नहीं मिलता है। तो आप बेरोजगारी भत्ते के लिए पात्र होते हों।
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अकुशल कर्मी के छोटे बच्चों की देख- रेख के लिए एक महिला सेविका का प्रावधान है ।
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कार्य पर मत्यु या दुर्घटना होने पर आर्थिक सहयता प्रदान की जाती है।
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सरकारी न्यूनतम मजदूरी दर से कम मजदूरी न मिलने का प्रावधान है ,अत: आप सरकारी दरों को जानकार अधिकार मांगें ।
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काम के लिए भुगतान मजदूर/परिवार के बैंक खाते के माध्यम से दिया जाता है, नकद नहीं। यह काम पूरा हो जाने के 7 दिन से 15वें दिनों के भीतर कर दिया जाना चाहिए। यदि भुगतान 16वें दिन तक नहीं मिलता है तो इसके एवज में मुआवजा भत्ता मिलता है।
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रोजगार 5 किलोमीटर के दायरे की किया जाता है।
मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड धारकों द्वारा किए जाने वाले कार्य:-
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गौशाला निर्माण कार्य,
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वृक्षारोपणकार्य,
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आवास निर्माण कार्य,
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मार्ग निर्माण कार्य,
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चकबंध कार्य,
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सिंचाई कार्य , आदि....
अपील : ग्रामीण युवक –युवतियां जो पलायन होकर अन्यत्र शहरों में कामों की तलाश में जाते हैं, उन्हें अपने ही क्षेत्रों में मनरेगा जॉब कार्ड बनवाकर काम मांगना चाहिये और अपने ही घर में रहकर मुर्गीपालन, बत्तक पालन, बकरी पालन और सब्जी खेती-बारी इत्यादि विधियों द्वारा आय के बहुयामी तरीकों से, आर्थिक सशक्तिकरण कर, अपने परिवार एवं गाँव के विकास में हाथ बंटाना चाहिए | ग्राम-सभा द्वारा नये-नये योजनाओं/कामों को अग्रसारित कर उसे उच्च कार्यालयों द्वारा पारित करवाकर असंख्य योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है| लेकिन जो भी सरकारी योजनायें पारित होतीं हैं वह ग्राम पंचायत के मनरेगा जॉब कार्ड की संख्या और सक्रियता के आधारित होती हैं | अत: सभी अकुशल ग्रामवासियों को मनरेगा जॉब कार्ड बनवाकर ग्राम-सभा के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित होना चाहिये |
