



'सीएनटी एक्ट 1908' का प्रारूप लिखने वाले महान विद्वान ‘फादर हॉफमैन’
डॉ. संजय बाड़ा

(फादर हॉफमैन)
नवंबर का महीना आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण है । छोटानागपुर के इतिहास के झरोखे में इस महीने में 4 महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई थी जिसने आदिवासियों के जीवन को कहीं न कहीं से अवश्य ही प्रभावित किया था। सर्वप्रथम 11 नवम्बर का दिन आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिन आदिवासियों के लिए उनकी भूमि की सुरक्षा का कवच सीएनटी एक्ट 1908, छोटानागपुर में लागू किया गया था। दूसरा 15 नवंबर झारखंड के महानायक बिरसा मुंडा का जन्मदिवस है। इस अवसर पर केंद्र सरकार ने प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फ़ैसला किया है। तीसरा 15 नवंबर झारखंड का स्थापना दिवस भी है। सन 2000 ई. में भारत के मानचित्र पर इसी वर्ष एक नया राज्य उभर कर सामने आया और चौथा और अंतिम 19 नवंबर छोटानागपुर के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले आदिवासियों के हितैषी एवं छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 का प्रारूप लिखने वाले महान विद्वान फादर हॉफमैन की पुण्यतिथि है। फादर हॉफमैन एक जर्मन जेसुइट पादरी थे उनके जीवन का अंतिम समय जर्मनी में बीता। जर्मन होने के कारण फादर हॉफमैन को प्रथम विश्वयुद्ध के कारण वापस लौट जाना पड़ा और वहीं उनकी मृत्यु हो गयी। सीएनटी एक्ट जैसे महत्वपूर्ण कानून के निर्माण की प्रक्रिया में उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण थी। जिसके कारण छोटानागपुर के आदिवासियों को उनके विषय में जानना एवं आने वाली पीढ़ी को इसके संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराना अतिआवश्यक है।
फादर हॉफमैन से जुड़े आवश्यक तथ्य
जन्म- 21 जून 1857 ई.
मृत्यु- 19 नवंबर 1928 ई.
जन्म स्थान- जर्मनी का एक छोटा सा गाँव वलेनडर्फ़
~भारत आगमन - जेसुइट मिशनरी हॉफमैन 4 दिसम्बर 1877 ई. को कलकत्ता पहुंचे फिर प्रारंभिक शिक्षा के लिए हजारीबाग आये।
~1887 ई में उन्होंने अपने अधिकारी से मुंडारी भाषा सीखने का आग्रह किया, अनुमति मिलने पर उन्होंने मुंडारी में प्रकाशित सभी पत्र पत्रिकाओं एवं पुस्तिकाओ को एकत्रित कर मुंडारी शब्दों का संग्रह करना शुरू किया।
~उन्होंने मुंडा ग्रामर नामक पुस्तक लिखी जो 1903 में गवर्नमेंट प्रेस से प्रकाशित हुई।
~उन्हें अपने अधिकारियों से आदेश मिला था कि वे व्यक्तिगत रूप से भारतीय दीवानी एवं फौजदारी तथा कृषि कानूनों का अध्ययन करें।
~हॉफमैन की प्रमुख कृतियों में से एक मुंडारी एनसाइक्लोपीडिया एक महान ज्ञानकोश है। जो हॉफमैन की मृत्यु के बाद 15 खंडों में प्रकाशित हुई। मुंडा क्षेत्र में रहकर उन्होंने मुंडा परंपरा एवं संस्कृति का गहन अध्ययन किया था। इस कार्य में मेनास ओड़िया ने उनका योगदान किया था।
~सीएनटी एक्ट 1908 के कई प्रावधान हॉफमैन ने स्वयं तैयार किये थे। बिरसा आंदोलन के दमन के उपरांत हॉफमैन ने तत्कालीन सरकार को दो महत्वपूर्ण सुझाव दिया
1 मुंडा क्षेत्र में भूमि का गहन सर्वेक्षण किया जाय और तदनुसार भूमि की बंदोबस्ती सुनिश्चित की जाय और
2 ऐसे अधिनियम की संरचना की जाय जो सामान्यतः सभी आदिवासियों और विशेषकर मुंडारी खूंटकट्टी भूमि व्यवस्था को उनकी बेदखली से संरक्षण प्रदान कर सके।
सरकार ने हॉफमैन के दोंनो सुझाव पर सहमति प्रकट की। सर्वेक्षण और बंदोबस्ती के लिए एक विशेष आयुक्त मि.लिस्टर की नियुक्ति हुई। 2 फरवरी 1902 को भारत सरकार ने सर्वेक्षण और भूमि व्यवस्था का कार्य आरंभ किया। इस महत्वपूर्ण कार्य में मि. लिस्टर के साथ हॉफमैन सम्मिलित थे। सरकार ने हॉफमैन से आग्रह किया कि प्रस्तावित अधिनियम की संरचना के लिए वह अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए एक प्रारूप तैयार कर दे।
हॉफमैन द्वारा जो मेमोरेंडम तैयार किया गया उसमें खूंटकट्टी भू स्वामित्व की परंपरा को बनाये रखने पर बल दिया गया। इस प्रकार हॉफमैन ने सीएनटी एक्ट 1908 की संरचना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
~हॉफमैन ने छोटानागपुर कैथोलिक कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी (1909) शुरू की जो आज के आधुनिक ग्रामीण बैंक की तरह कार्य करते थे। यह किसानों को ब्याज एवं कर्ज के बोझ से बाहर निकालने का एक नवीनतम प्रयोग था। जिसमें उन्हें काफी सफलता मिली।
~1913 में एक "सहकारी स्टोर" भी शुरू किया गया था, जहाँ किसानों को उचित मूल्य पर वह मिल सकता था जिसकी उन्हें आवश्यकता थी।
~1914 में जब प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तब हॉफमैन को जर्मन होने के कारण भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। चूँकि ब्रिटेन और जर्मनी इस युद्ध में आमने सामने थे।
~हॉफमैन भारत में लगभग 37 वर्ष रहे।
◆हॉफमैन के अन्य मुख्य कार्य एवं कृतियां
★A Mundari Grammar with Exercises, 2 volumes, Calcutta 1905-1909.
★ Poetry, Music and Dances, Calcutta: Baptist Press, 1907.
★Social work in Chota Nagpur, Calcutta 1909
★Special Memorandum on the Land System of the Munda Country. Chota Nagpur Teancy Act of 1908 with notes, judicial rulings and the rules framed under the Act, ed. J. Reid Calcutta, 1910, 225-239.
★Principles of Succession and Inheritance Among the Mundas, in: Man in India 4 (Dec. 1961), pp. 324–338, reprinted from: Journal of the Bihar and Orissa Research Society, Sept. 1915.